वाटर मेट्रो ट्रेन को पीएम ने दिखाई हरी झंडी, वाटर मेट्रो के जरिए 76 किमी का सफर तय होगा
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Water Metro Train: भारत मे आपने अभी रेल को अलग अलग हिस्सो मे देखा है आप उनका सफर भी कर चुके होगे, समय की मांग वक्त को देखते देश में मेट्रो आया और लगातार ही अब देखते देखते ही मेट्रो देश के लगातार बढता जा रहा है, अभी आपने पुल पर, भूमिगत और धरातल पर देखा होगा, लेकिन अब दिलचस्प विषय ये होगा कि अब आप मेट्रो का आंनद पानी मे भी ले सकते है, यह भारत के लिए सबसे खुशी की बात है, आम नागरिक को भी इसमे सुविधाए होगी, इसमे जल्द और सुलभ रुप से मजदूर और व्यापारी इसको अपने आम जीवन के लिए बेहद राहत वाला साधन परिवहन साधन है,
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज 25 अप्रेल को देश की पहली वाटर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई, और एक मजबूत, सुनहरे भविष्य के लिए लोगो को बधाईयां दी, वाटर मेट्रो के जरिए 76 किमी का सफर तय होगा। दावा किया जा रहा है कि इससे प्रदूषण में काफी हद तक राहत मिलेगी।
वाटर मेट्रो मेड इन इंडिया का प्रोजेक्ट
कोच्चिन मे वाटर मेट्रो का प्रोजेक्ट भी 'मेड इन इंडिया' है… और देश मे पहला और यूनिट तरह का माडल है। वाटर मेट्रो से कोच्चि के इर्द-गिर्द अनेक द्वीपों पर रहने वाले लोगों को सस्ता और आधुनिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा। इस से कोच्चि की ट्रैफिक समस्या भी कम होगी और बैक वाटर पर्यटन को भी नया आकर्षण मिलेगा। केरल में हो रहा यह प्रयोग देश के अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बनेगा।
शुरुआत की वंदे भारत से, मिली कोच्चिन को वाटर मेट्रो
प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले सुबह 11 बजे तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचे और तिरुवनंतपुरम-कासरगोड के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को विदा किया। यह ट्रेन तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम, कोझिकोड जैसे 11 जिलों को कवर करेगी। PM ने डिंडीगुल-पलानी-पलक्कड़ सेक्शन के रेल इलेक्ट्रिफिकेशन का भी उद्घाटन किया
यह वाटर मेट्रो रेल बीच पानी में बैटरी से संचालित होगी जो कोच्चि के 10 द्वीपों को जोड़ेगी। इसके लिए 78 इकोफ्रेंडली बोट्स का इंतजाम किया गया है। इसमें एक बार में 100 लोग सवार हो सकते है जिसमे 50 को बैठने की व्यवस्थाएं मिलेगी और 50 को खडे़ रहकर सफर करना पडे़गा, यह वहां के लाखो लोगो के लिए सुलभ सुविधा देने वाला माध्यम बनेगा भारत एक कदम बढता हुआ तकनीकि मे दिखाई दे रहा है !
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