Aadivasi Culture: आदिवासी क्षेत्र में दिवाली का अनोखा दीपक
पिंडवाड़ा- दीपावली की पूर्व संध्या वक्त इस तरह तैयार किया जा रहा रबी की ऊपज के पादप का दीपक( 'मरैज्जयू,)
'मरैज्जयू, को बेल से पृथक कर दिया गया दीपावली के दीपक का रूप।
ग्रामीण सुदूर इलाकों में घर के द्वार पर 'मरैज्जयू, के लोै की रोशनी मानी गयी है मंगलकारी कल्याणकारी सुख समृद्धि और पशुधन कष्ट हर्ता।
इस तरह का दीपक इसलिए आदिवासियों के क्षेत्र में यूज किया जाता है क्योंकि आदिवासी एक प्रकृति पूजक है इसलिए वह प्रकृति के शरण में हमेशा प्रकृति में मौजूद सामग्री का उपयोग करना जानता है
आबूरोड के उपलाखेजडा की सरणाफली में दीपावली की पूर्व संध्या पर मरैज्जयू तैयार करता लसमाराम।
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