डॉ. हरिसिंह गौर के जन्म दिवस पर सागर में तीन दिवसीय कार्यक्रम
सागर, मध्य प्रदेश: नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आने वाले 3-4 वर्षो में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को शुरू करवाकर सागर को एजुकेशन हब बनाया जायेगा। देश के अन्य राज्यों में जो महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम चल रहे है, उन्हें विश्वविद्यालय में संचालित करवाने से सागर के विद्यार्थियों को यहीं षिक्षा मिल सकेंगी, उन्हें अध्ययन के हेतु बाहर नहीं जाना पडे़गा। श्री भूपेन्द्र सिंह आज महाकवि पद्माकर सभागार में महान शिक्षाविद् डॉ. हरिसिंह गौर के जन्मदिवस के अवसर पर मनाए जा रहे तीन दिवसीय सागर गौरव दिवस का शुभारंभ कर रहे थे।
कार्यक्रम में सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक श्री शैलेन्द्र जैन, पूर्व मंत्री श्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार , अनेक पार्षद तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर के जन्म दिवस को इस साल सागर गौरव दिवस के रूप में मनाकर सागरवासी उनके विश्वविद्यालय की स्थापना के महान योगदान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करेंगे। डॉ. हरिसिंह गौर ने जो कार्य किये वह अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे सागर के लिए किये है। उनके विशिष्ट योगदान से पूरा सागर जिला गौरान्वित महसूस करता है। डॉ. गौर के महादान से शुरू हुआ यह विश्वविद्यालय देश के टॉप विश्वविद्यालयों में से एक रहा है। जहां विषयवार अलग-अलग भवन है। सभी विषयों की शिक्षा यहां मिलती है। डॉ. गौर ने स्वयं के द्वारा अर्जित संपत्ति से विष्वविद्यालय स्थापित करवाया, किसी से भी धनराषि या संपत्ति नहीं ली, यहीं उनकी महानता भी है। महान शिक्षाविद् होने के साथ ही वे विधिवेत्ता भी थे, इसी लिए संविधान सभा के सदस्य भी रहे।
श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉ. गौर ने सागर की गरीबी और पिछड़ापन दूर करने के लिए सागर विश्वविद्यालय स्थापित किया था। वे देश के एकमात्र थे, जिन्होंने सिर्फ अपनी आय से विश्वविद्यालय स्थापित करवाया। उनके अहम योगदान से सागर शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र बन सका। आज सागर का जो भी स्वरूप है, वह केवल डॉ. गौर के कारण है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपनी कर्म भूमि, जन्म भूमि के प्रति गर्व महसूस करना ही सच्ची राष्ट्रीयता है। सागर का विकास होगा तो प्रत्येक सागरवासी का विकास होगा। श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि सागर गौरव दिवस पर 26 नवबंर की शाम 5 बजे होने वाले मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होगें। वे भी सागर विश्वविद्यालय से एम.ए. शिक्षित है। सागर विश्वविद्यालय से शिक्षित और वर्तमान में प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत महत्वपूर्ण व्यक्तियों को कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जायेगा। यू.जी.सी. के चेयरमैन श्री डी.पी. सिंह ने भी कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति दी है। कार्यक्रम में प्रसिध्द गायक श्री उदित नारायण और उनकी टीम द्वारा गीतों, संगीत आदि की प्रस्तुति की जायेगी। गौर मूर्ति से कटरा तक एलईडी द्वारा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी होगा। कार्यक्रम के अंत में अतिशबाजी की जायेगी।
सांसद श्री राजबहादुर सिंह ने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर ने बुंदेलखंड में शिक्षा का दीपक जलाकर विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। यही कारण है कि वे प्रत्येक सागरवासी के हदय में बसे है। डॉ. गौर की देन के कारण आज सागर विकास के पथ पर अग्रसर है। यदि शिक्षा का साधन विश्वविद्यालय नहीं होता तो सागर काफी पीछे रह जाता। डॉ. गौर ने गरीब परिवार में जन्म लेकर विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाने के लिए सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की। विद्यार्थियों को डॉ. गौर की जीवनी से अवश्य प्रेरणा लेनी चाहिए। श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि डॉ. गौर का संपूर्ण जीवन शिक्षा के लिए समर्पित रहा। डॉ. गौर की स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रत्येक सागरवासी को समर्पित होकर कार्य करना होगा। डॉ. गौर की आत्मकथा सेवन लाइफ के हिंदी रूपांतरण की पत्रिका का वितरण सभी स्कूल-कालेजों में किया जाएगा।
प्रारंभ में श्री भूपेन्द्र सिंह व अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती ,डॉ. गौर एवं लाखा बंजारा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को डॉ. गौर की जीवनी तथा सागर के विकास पर आधारित फिल्में दिखाई गई। इस अवसर पर कलेक्टर श्री दीपक आर्य सहित गणमान्य नागरिक और अनेक जनप्रतिनिधि तथा स्कूलों के विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन डॉ. अरविंद जैन ने तथा अंत में नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।
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