दमोह पुलिस अधीक्षक बोले आरोपियों की तलाश के लिए भेजीं टीमें, शीघ्र होंगे गिरफ्तार
थाना दमोह देहात में धारा 307 और एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध
दमोह, मध्य प्रदेश: जिले के थाना दमोह देहात क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरमांसा में घटित घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार तुरंत रात्रि में घटना स्थल पहुंचे और ग्रामीणों से मिलकर चर्चा की। घटना व्यक्तिगत रंजिश बताई गई है। आरोपियों पर धारा धारा 307 और एट्रोसिटी एक्ट 3,2,5 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, आरोपियों की तलाश जारी है। इस मौके पर सीएसपी अभिषेक तिवारी सहित पुलिस बल मौजूद था।
पुलिस अधीक्षक डी.आर. तेनीवार ने बताया थाना दमोह देहात क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरमासा में एक घटना घटित हुई है। घटना इस प्रकार है कि राजकुमार अहिरवार और उसके दो दोस्त राकेश अहिरवार और नरेश अहिरवार ग्राम बरमासा से दमोह जा रहे थे। ये बरमासा से मेन रोड से कोरासा की तरफ आधा किलोमीटर निकले वहां पर 7 से 7:15 बजे के करीब 4 लड़के झाड़ियों मे छिपे हुये थे वे बाहर निकले उसमें से सबसे पहले सुनील अहिरवार नाम का एक लड़का है उसने मोटर साईकिल रूकवाई और मोटर साईकिल के पीछे बैठे नरेश अहिरवार और राकेश अहिरवार को डंडा मारा और उनको वहा से भगाया, ये जब भागने लगे उसी दौरान उन्हीं 4 लड़कों में से किसी एक लड़के ने फायर किया, वह फायर जो गाड़ी चला रहा था राजकुमार अहिरवार उसकी पीठ पर लगा।
पुलिस अधीक्षक श्री तेनीवार ने बताया मेरी उन तीनों लोगों से बात हुई, उनके अनुसार चारो में से किसी एक ने फायर किया है, जो राजकुमार अहिरवार की पीठ पर लगी है, बाकी को साधारण चोटे है। फिर इन्होंने गांव वालों को खबर की, गांव के लोग आए और इनको अस्पताल ले गये थे। राजकुमार अहिरवार जिसको गोली लगी थी उसका प्राथमिक उपचार दमोह अस्पताल में की किया गया, बाद में उसे जबलपुर रिफर कर दिया गया था, उसकी स्थिति ठीक है।
उन्होंने बताया इस पक्ष की रिपोर्ट पर थाना दमोह देहात में धारा 307 और एट्रोसिटी एक्ट 3,2,5 का प्रकरण पंजीबद्ध इन चार आरोपियों पर तुरंत किये गये है। आरोपियों की तलाश के लिये पार्टिया बना दी गई है, उम्मीद है की आरोपी शीघ्र गिरफ्तार हो जायेंगे। उन्होंने बताया स्थल का निरीक्षण किया गया है पीड़ित पक्ष से बात भी की गई है स्थिति सामान्य है। इन दोनो पक्षों के बीच में करीब एक डेढ़ साल से विवाद चला आ रहा है। इनका पहला विवाद अगस्त 2021 में हुआ था जहां पर पीड़ित पक्ष की तरफ से दुर्गेश राजपूत और रमेश राजपूत थे इनके विरूद्ध एट्रोसिटी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था, इसमें चालान हुआ है। इसके बाद अहिरवार लोगों ने राजपूत लोगों के साथ मारपीट की थी, इसमें 307 का प्रकरण है उसमें भी चालान पेश किया गया है।
उन्होंने बताया इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि पीड़ित पक्ष का राजकुमार अहिरवार का भाई ब्रजेश अहिरवार भी उसमें आरोपी था जो वर्तमान में धारा 307 के प्रकरण में जेल में है। इन दोनों परिवारों की एक प्रकार की व्यक्तिगत रंजिश है, यह कोई सामाजिक मुद्दा नहीं है यह मुद्दा व्यक्तिगत परिवारो का है। इन दोनों के बीच में क्रास मुकदमे कायम हुये है, पुलिस द्वारा बाउंडओवर भी कराया गया है। पुलिस तक जैसे-जैसे रिर्पोट आती है पुलिस कार्यवाही करती है। इस प्रकरण को भी गंभीरता से ले रहे है और गंभीरता से कार्यवाही की जायेगी।
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