“जल प्रबंधन और जल संरक्षण में समाज की भूमिका का दायित्व” पर कार्यक्रम संपन्न

Jul 15, 2023 - 05:30
Sep 9, 2023 - 18:57
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“जल प्रबंधन और जल संरक्षण में समाज की भूमिका का दायित्व” पर कार्यक्रम संपन्न

मार्च 2023 तक 750 सौ गांव तक पानी पहुंचाने का टारगेट है, अभी तक 168 गांव में पानी पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है- कलेक्टर श्री चैतन्य

दमोह : मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के तहत 1 नवंबर से चल रहे कार्यक्रम की कड़ी में आज मानस भवन में जल संरक्षण पर केंद्रित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक पीएल तंतुवाय, विधायक धर्मेंन्द्र सिंह लोधी, कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य, नगर पालिका अध्यक्ष मंजू राय, जनपद अध्यक्ष प्रीति ठाकुर, गोपाल पटेल द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर “जल प्रबंधन और जल संरक्षण में समाज की भूमिका का दायित्व” विषय पर विधायक जबेरा धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा पहले मध्यप्रदेश की धरती पर 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती थी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समस्या को समझा अब सिंचाई का रकबा 6 गुने से भी ज्यादा बढ़ा। आज 45 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा जमीन पर सिंचाई होती है। सरकार ने कई प्रयास किए हैं, सरकार ने छोटे बड़े मध्यम बांध बनाए। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल जी का ड्रीम प्रोजेक्ट नदियों को जोड़ने का काम भी सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने कहा खेती की विकास दर मे इतने आगे रहे कि खेती का सर्वेाच्च आवार्ड कृषि कर्मण आवार्ड मध्यप्रदेश को मिला हैं।

उन्होंने कहा सरकार निरंतर किसान, बेटियां सभी की चिंता का काम कर रही है। 05 सालों में प्रधानमंत्री जी द्वारा लगभग 05 करोड़ गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पक्के मकान बनवाने का काम किया हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा हर घर में पीने का पानी पाईप लाईन के द्वारा पहुँचायेगें ताकि माताओ-बहनों का कही बाहर ना जाना पड़े। जनता से जुड़े संकल्प उन्हें जमीन पर उतारने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा हैं। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी।

कार्यक्रम में विधायक हटा पी एल तंतुवाय ने कहा जल संरक्षण के बारे में किसान भाईयों को अपने खेत क्षेत्र की जानकारी मालूम हैं, वे जल का बेहतर संरक्षण कर सकते हैं। इस कार्यक्रम से आपको बहुत कुछ जानने, सीखने का अनुभव प्राप्त होगा जिसे कृषि कार्यों सहित अन्य कार्यों में इसका उपयोग करेंगे और बुंदेलखण्ड का जल स्तर बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सभी से वर्षा के जल संरक्षण की बात कही। सौभाग्य की बात हैं कि भूमिगत जल सबसे ज्यादा हमारे देश में उपलब्ध हैं लेकिन दुख की बात है सबसे ज्यादा दोहन हमारे द्वारा ही हुआ हैं।

उन्होंने कहा सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाए चलाई जा रही हैं। पुराने तालाबों का अमृत महोत्सव अंतर्गत जल भराव क्षमता एवं नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा हैं। नये बांध बनाने का कार्य भी सरकार द्वारा किया जा रहा हैं, पिछले बजट में व्यारमा एवं सुनार नदी पर 02 बांध स्वीकृत हुये हैं जो क्षेत्र के भूजल स्तर को बढ़ाने का काम करेंगे।

सांसद प्रतिनिधि नरेंद्र बजाज ने कहा जल संरक्षण बिना जागरूकता के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा आप जानते हैं पानी का उपयोग कहां और कैसे करना है, सरकार इस ओर भी लगातार प्रयास कर रही है। हमें भविष्य में पानी का उपयोग कैसे करना है, इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने लोगों की दिनचर्या को विस्तार से बताते हुए कहा पानी का दुरुपयोग ना करें। श्री बजाज ने कहा सरकार पानी को रिसाइकल करके दोबारा उपयोग हेतु कार्य कर रही है, हम अपनी पीढ़ी को भविष्य में क्या देना चाहते हैं, इस बारे में सोचने की जरूरत है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने कहा बुंदेलखंड में जो पानी की समस्या रही है उससे सभी लोग विदित हैं। वर्तमान में सीता नगर प्रोजेक्ट जैसे ही कंप्लीट होगा उसमें 16 हजार हेक्टेयर का पोटेंशियल है, इसके अलावा पंचम नगर प्रोजेक्ट कंप्लीट होने वाला है उसमें भी 18 हजार हेक्टेयर से ज्यादा पोटेंशियल बढ़ जाएगा। ऐसी प्रोजेक्ट लगातार शासन द्वारा चलाये जा रहे है। पीने के पानी को दृष्टिगत रखते हुए जिले में जल जीवन मिशन संचालित किया जा रहा है। जल निगम द्वारा और पीएसी द्वारा शत-प्रतिशत ग्रामीण अंचलों में ड्रिंकिंग वाटर प्रोवाइड करने के प्रयास पिछले 03 साल से घर-घर पहुंचाने के लिये किये जा रहे है। मार्च 2023 तक 750 सौ गांव तक पानी पहुंचाने का टारगेट है। अभी तक 168 गांव में पानी पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा यही प्रयास है कि नवंबर-दिसंबर में और अधिक गांवों में पानी उपलब्ध कराने का काम कंप्लीट हो। जिससे दिसंबर के समय में पानी की उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा प्रशासन द्वारा लोगो को पानी के प्रति जागरूक करने के लगातार प्रयास किये जा रहे है कि किन-किन तरीको से पानी बचाया जा सकता है और किस प्रकार पानी के उपयोग को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा पानी की जितनी भी उपलब्धता है उसे पूरी तरह से सही उपयोग करें और आने वाली पीढ़ी को पानी का लाभ मिल सके इसके प्रयास हम सभी को करने है। लोग पानी के उचित उपयोग की जानकारी प्राप्त करें और वॉटर कंजर्वेशन में भी सभी लोग अपने हाथ बढ़ाएं।

गोपाल पटेल ने कहा हम जिस क्षेत्र में रहते हैं उस क्षेत्र को बुंदेलखंड के नाम से जाना जाता है, पहले जिस प्रकार से मध्य प्रदेश बीमारू राज्य हुआ करता था और पिछड़े राज्य में गिनती आती थी उसी प्रकार बुंदेलखंड को भी बहुत पिछड़ा हुआ माना जाता था। उन्होंने कहा अभी भी हम बहुत आगे नहीं बड़े हैं, परंतु उस पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लगातार सरकार ने स्टॉप डेमो, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं और तालाबों के माध्यम से लगातार प्रयास किए हैं, इसके परिणाम स्वरूप कृषि क्षेत्र का जो रकवा 11 हजार एकड़ से बड़कर वर्तमान में 44 हजार एकड़ हो गया है जो की 2024 तक 90 से 94 हजार एकड़ तक पहुंचेगा। इस प्रकार मध्य प्रदेश तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है साथ ही बुंदेलखंड भी इसी गति से आगे बढ़ रहा है।

इसी क्रम में जनपद अध्यक्ष प्रीति ठाकुर ने विस्तार से इस संबंध में अपनी बात रखी। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, सम्मानीय मीडियाजन, आमजन और अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विपिन चौबे ने किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रर्दशन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन शुभम अग्रवाल ने किया।

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