सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केवल टेलीविजन संचालकों को नए दिशानिर्देश जारी किये
नई दिल्ली । सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 30 नवंबर, 2022 को जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए एमएसओ को 12 महीने का समय दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन नेटवर्क के लिए नए नियम बनाए है और सुधार किए है । केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994, के नियम 6(6) के अनुसार बहु-प्रणाली संचालकों (मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर-एमएसओ) को अनुमति देता है कि वे; या तो सीधे अपने ग्राहकों को या एक या अधिक स्थानीय केबल संचालकों के माध्यम से अपनी स्वयं की कार्यक्रम सेवा प्रसारित कर सकते हैं। ये स्वयं की कार्यक्रम सेवाएं, जिन्हें 'प्लेटफ़ॉर्म सेवाएँ (पीएस)' कहा जाता है और जिनमें अति 'स्थानीय-चैनल' भी शामिल होते हैं, एमएसओ द्वारा पेश की जाने वाली स्थानीय स्तर पर तैयार विशिष्ट कार्यक्रम सेवाएं हैं। जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं:
• एमएसओ द्वारा पीएस चैनलों के लिए प्रति पीएस चैनल 1,000 रुपये के मामूली शुल्क पर सरल ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया। इस उद्देश्य के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल तैयार किया जा रहा है और इसे शीघ्र ही अधिसूचित किया जाएगा।
• केवल कंपनियों के रूप में पंजीकृत संस्थाओं को ही स्थानीय समाचार और समसामयिक घटनाक्रम प्रदान करने की अनुमति है। ऐसे एमएसओ, जो "कंपनी" के रूप में पंजीकृत नहीं हैं और स्थानीय समाचार तथा और समसामयिक घटनाक्रम प्रदान करने के इच्छुक हैं, उन्हें अपनी संस्था को "कंपनी" में बदलने के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के समक्ष 3 महीने के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।
• प्रति संचालक अनुमति प्राप्त पीएस चैनलों की कुल संख्या की सीमा कुल चैनल कैरिज क्षमता के 5 प्रतिशत पर निर्धारित की जाएगी।
• ग्राहकों की स्थानीय भाषा और संस्कृति के कंटेंट की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, पीएस चैनलों पर इस सीमा की गणना राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा, जिला स्तर पर स्थानीय कंटेंट की आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रत्येक जिले के स्तर पर 2 पीएस चैनलों की अनुमति दी जाएगी।
• सभी पीएस चैनलों को पंजीकृत टीवी चैनलों से अलग करने के लिए 'प्लेटफॉर्म सेवाएं' के रूप में एक शीर्षक देना होगा।
• पीएस की सामग्री, प्लेटफॉर्म के लिए विशिष्ट होनी चाहिए और इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी अन्य वितरण प्लेटफॉर्म संचालक के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, गुरुद्वारों आदि से लाइव फीड साझा करने की अनुमति होगी।
• सभी पीएस चैनलों को इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड (ईपीजी) में 'प्लेटफॉर्म सेवाएँ' श्रेणी के तहत एक साथ रखा जाना है तथा इसके साथ ही उनके अधिकतम खुदरा मूल्य और ट्राई के लागू आदेशों/निर्देशों/विनियमों के अनुसार पीएस को सक्रिय/निष्क्रिय करने के विकल्प भी पेश किये जाने हैं।
• पीएस की पेशकश करने वाले एमएसओ 90 दिनों की अवधि के लिए सभी पीएस चैनल कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग बनाए रखेंगे।
• कंटेंट से संबंधित किसी भी शिकायत की जांच सीटीएन अधिनियम, 1995 के तहत निर्धारित प्राधिकृत अधिकारी और राज्य/जिला निगरानी समिति द्वारा की जाएगी।
केबल संचालकों को पंजीकृत टीवी चैनलों के वितरण के लिए पंजीकरण प्रदान किये जाते हैं। उपरोक्त दिशानिर्देश, यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए हैं कि केबल ऑपरेटरों की नेटवर्क क्षमता का उपयोग मुख्य रूप से टीवी चैनलों के वितरण के लिए किया जाये। साथ ही, एमएसओ के लिए दिशानिर्देशों में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं, ताकि वे अपने ग्राहकों द्वारा स्थानीय कंटेंट की मांग को पूरा कर सकें। इसके अलावा, ये दिशानिर्देश पीएस चैनलों पर कंटेंट के संबंध में कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता के पालन, जैसे 90 दिनों के लिए रिकॉर्डिंग रखना आदि को अनिवार्य करते हैं, तथा ये पायरेसी के खतरे से निपटने में भी सहायता प्रदान करेंगे।
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