बौद्ध धम्म की पच्चीस सौ वर्ष पुरानी गौरवशाली परंपरा से संपन्न हुआ विवाह संखार

Jul 15, 2023 - 05:30
Sep 9, 2023 - 18:46
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बौद्ध धम्म की पच्चीस सौ वर्ष पुरानी गौरवशाली परंपरा से संपन्न हुआ विवाह संखार

संविधान और महापुरुषों की शिक्षाओं की शपथ के साथ हुई अनोखी शादी

करौली: बौद्ध धम्म की पच्चीस सौ वर्ष पुरानी गौरवशाली परंपरा से संपन्न हुआ विवाह संखार। श्रद्धेय उपासक पूरण बौद्ध व श्रद्धेया रंगबाई बौद्ध निवासी ग्राम मचेट, करौली की सुपुत्री दारिका रिंकी बौद्ध व करिश्मा बौद्ध मंगल पाणिगह संखार (मंगल विवाह संस्कार बौद्धों की 2500 वर्ष पुरानी गौरवशाली परम्परा बौद्ध पद्धति से धम्मभूमि टीम बाडी धौलपुर राजस्थान द्वारा उनके निज निवास ग्राम मचेट करौली पर दिनांक 08/11/2022 मंगलवार को श्रद्धेय उपासक पन्नूलाल बौद्ध व श्रद्धया किरण बाई बौद्ध निवासी ग्राम भँवरपुरा (जाखेर) करौली के सुपुत्र दारक मोहनसिंह बौद्ध व सोनू बौद्ध के साथ दोनों परिवारों की पूर्ण सहमति से सम्पन्न कराया। यह शादी बिना किसी दहेज एवं बैंड बाजों एवं रूढिवादी परंपराओं को त्याग कर संविधान की शपथ और महापुरुषों की शिक्षाओं को ग्रहण करते हुए सम्पन्न कराई गई जो लोगों के कोतुहल का विषय बन गई। बौद्धाचार्यं मितवर्धन बौद्ध ने बताया कि श्रद्धय भंते करुणा शील राहुल जी का संकल्प" "तोड़ दो उन परंपराओं को जिनकी वजह से आप गरीब बने आपका शोषण हुआ आपको दलित पिछड़ा और शोषित बनाया, त्याग दो अपनी आजादी के लिए"। के संदेश के साथ यह पाणिग्गह संखार कराया गया है। समाजसेवी एवं धम्म टीम के साथी बदन सिंह बौद्ध ने कहा कि बौद्ध संखार बिना मुहूर्त एवं बिना दहेज सादा समारोह में सीमित खर्च और कम से कम समय में दोनों परिवारों की सहमति से होता है। जिससे समय और धन की बचत होती है जिसका उपयोग बच्चों की शिक्षा एवं परिवार के विकास में सहायक हो सकता है। इस अनोखे मंगल पाणिग्गह संखार (मंगल विवाह संस्कार) का मंगलारम्भ महाकारुणिक बुद्ध की प्रतिमा व छायाचित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित के साथ मोमबत्तियां प्रज्ज्वलित बुद्ध।

दिया गया त्रिशरण पंचशील एवम् 22 प्रतिज्ञाएं

वंदना (त्रिशरण व पंचशील) कर किया गया दोनों परिवारों के सहमति व्यक्त करने के बाद दारक दारिकाओं के स्वीकृति शपथ के साथ पांच संकल्प के उपरांत दारक दारिकाओं को एक दूसरे के पुष्प माला डलवाते हुए पुष्पवर्षा के साथ अमंगलगाथा का सामूहिक संघायान कर दारक दारिकाओं व परिवारीजनों को मंगलकामनाएं प्रदान की गयी। अन्त में दारक दारिकाओं के माता-पिताओं को एक-दूसरे का पुष्प मालाओं के साथ स्वागत करवाते हुए सब्बे सत्ता के साथ संखार समारोह का समापन किया गया। इस शादी समारोह का विशेष आकर्षण बारात के साथ आई महिलाओं की उपस्थिति रही। जिसका मूल कारण बौद्ध धम्म में महिलाओं को समान अधिकार एवं सम्मान दिया जाना माना जा रहा है।

पंडाल में देखने को मिले बहुजन महापुरुषों के चित्र

अनोखी शादी के पांडाल में तथागत बुद्ध और बाबा साहब के साथ साथ बहुजन महापुरुष संत रविदास, महात्मा ज्योतिबा फुले, माता सावित्रीबाई फुले, माता रमाबाई, बिरसा मुंडा, एकलव्य, स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह एवं शहीद उधम सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम, महान सम्राट अशोक, पेरियार रामास्वामी, ललई सिंह यादव, मान्यवर साहब काशीराम जी के बैनर पोस्टर लगाए गए जो समाज में महापुरुषों की विचारधारा को अपनाने का संदेश दे रहे थे। लड़कियों के पिता जी श्रद्धेय पूरण बौद्ध ने बताया कि बौद्ध धम्म से विवाह संखार कराने कोई भी गरीब व्यक्ति अपनी बेटियों को बोझ नहीं समझेगा और इस महंगाई जमाने में फिजूलखर्ची से बच सकते हैं साथ ही बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के अधूरे सपने को साकार कर प्रगतिशील समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सकता है। भवतु सब्ब मंगलं सबका मंगल हो सबका कल्याण हो। इस शादी संखवार समारोह में बौद धम्म के अनुयायिओं मित वर्धन बौद्ध बाड़ी धम्म भूमि और उनकी टीम, मिशन की आवाज चैनल के संस्थापक भूपेंद्र सिंह सोनवाल,वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश वर्मा हिंडौन सिटी ,भारतीय बौद्ध महासभा के करौली के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद बाजना , कोषा अध्यक्ष हरिचरण बौद्ध बाढ़ करसोली, प्रवक्ता लक्ष्मण खेड़ी हैबत सुरेश वनकी, मुरारीलाल बौद्ध गोपाल बौद्ध चमरोला, गोपी बौद्ध लेदर, संतराम सरदार पाली ,अमरचंद बौद्ध करौली एवम् सैकड़ों महिला और पुरुषों सहित बौद्ध धम्म प्रेमी इस सांखार समारोह में आयोजित हुए ।रूढ़िवादी परंपराओं को छोड़कर बिना दहेज संविधान एवं महापुरुषों की शिक्षाओं की शपथ के साथ संपन्न हुई अनोखी शादी।

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Bhupendra Singh Sonwal Bhupendra Singh Sonwal is a senior journalist and writer, he is also the founder of Mission Ki Awaaz, Bhupendra Singh Sonwal was born on 07 June 1997 in village Kanchroli, located near tehsil Hindaun City of Karauli district of Rajasthan.