राजस्थान में प्रथम जिला बना झुंझुनू, जहां महामानवो की जंयती को क्रांति दिवस बनाने की पहल
झुंझुनूं, 20 मई । कल 19 मई 2023 को मुकुन्दगढ़ कस्बे में अमावस्या के दिन प्रबोधन कार्यक्रम रखा गया जिसमें आशानुकुलित संख्या में सामाजिक बदलाव चाहने वाले जागरूक लोग आये। राजेश बजाड़ ने अमावस्या व बुद्ध के बारे में जानकारी देते हुए भगवान बुद्ध के विचारों उपदेशों पर प्रकाश डाला।
राजेश बजाड़ ने बताया कि 14 अप्रैल 2023 को बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर जी की जयंती पर उनके द्वारा लिए गए संकल्प के अनुसार वो हर अमावस्या को व हर महामानव के जन्म दिवस को क्रान्ति दिवस के रूप में मनायेंगे। राजेश बजाड़ ने बताया कि क्रांति दिवस जिले के अलग-अलग कस्बों, गांवों में मनाया जाएगा। चिन्तन किया जाएगा।
मुकुंदगढ़ में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजेश बजाड़ ने विभिन्न सामाजिक समस्याओं व मुद्दों पर चर्चा की। ओर बताया कि समाज में महिलाओं के प्रति पुरुष वर्ग के द्वारा कितने अधिकारो का हनन किस स्तर पर हो रहा हैं ? गैर वैचारिक महिलाएं किस तरह से ब्राह्मणवादी व रुढ़िवादी चक्रव्यूह में फंस कर स्वयं के समाज को पतन की और ले जाने में कार्यरत है उनका दिल ओर दिमाग किस तरह से पाखंडवाद व अंध विश्वास से ग्रसित हैं | उस पर विचार करने की, सूक्ष्म स्तर पर जानने की और सुधार करने की जरूरत हैं । समाज के युवा वर्ग को किस तरह से समाप्त किया जा रहा है इस विषय पर गंभीरता से चिंतन और मंथन करने की जरूरत है । दुश्मनों के द्वारा लगातार हमारे युवावर्ग को जुआ तथा खतरनाक नशे वाली प्रवृत्ति मे जबरदस्त गुसाया जा रहा है । आज वो जिन आदतों के शिकार बन चुके है लगता ये पीढी हमारी एक साथ पाँच पीढ़ीयो ले डूबेगी। उन्होंने कहा कि जहा तक सुधार की बात है हमें महामानवों के वैचारिक प्रबोधन को गति प्रदान करके वैचारिक परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना होगा। वैचारिक परिवर्तन से आचरण परिवर्तन में सुधार नजर आयेगा । स्वतः वो दिन हमारी सामाजिक व्यवस्था की सुधार की एक पहली झलक होगी ।
इसके बाद सधन्यवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। तथा समापन के साथ ही आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा बुद्ध धम्म के बारे में कार्यक्रम करने की रणनीति बनाई गयी।
What's Your Reaction?