प्राकृतिक खेती का ज्ञान सिखती विदेशी साध्वी, भारत संस्कृति विश्व की धरोहर
भरतपुर: जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर जिले के गांव डहरा-हंतरा के मध्य आनंदग्राम मानव सेवा ,सनातन धर्म ,महिला सशक्तिकरण, कृषि, गौ सेवा, रसायन पौधशाला, प्राकृतिक कृषि आदि क्षेत्र में देश विदेश में पहचान कायम किए हुए हैं। इस आनंदग्राम विदेशी साध्वी एवं महिला सन्यासी भारतीय संस्कृति प्राकृतिक खेती और स्वरोजगार के गुर सीख रही हैं जो बिना खाद और कीटनाशक के उपयोग वाली खेती जैसे बागवानी ,जायद, रबी व खरीफ फसल पैदावार का ज्ञान ले रही हैं। इस आनंदग्राम से 118 देश के लोग जुड़े हुए हैं ।जिसमें भारत के सभी राज्य शामिल हैं अर्जेंटीना की 35 वर्षीय एक युवती ने भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर यहां डेरा डाले हुए हैं जो ग्रामीण महिलाओं से रूबरू होकर भारतीय संस्कृति का ज्ञान ले रही हैं और उन्होंने 17 साल की आयु में पीएचडी करने के बाद सनातन धर्म को अपनाकर भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करने का सरल उपाय। यह साध्वी के रूप में खेती पर का कार्य करती है और ग्रामीण महिलाओं को उपदेश देने के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा योग संगीत आदि का ज्ञान भी देती है। आनंद ग्राम में चिकित्सा स्वरोजगार शिक्षा आदि की निशुल्क सुविधाएं भी गरीब परिवारों को दी जाती है यहां पर प्राकृतिक खेती के माध्यम से सब्जियां तिलहन दलहन मोटा अनाज फल आदि की खेती की जाती है यहां की उपज की मांग विदेशों से अधिक आती है जो यहां पैदा होती है वह आनंदग्राम में आने वाले रोगियों और जरूरतमंदों को शुद्ध भोजन के रूप में खिलाया जाती है साथ ही विदेशों से मांग आने पर वहां पर यहां की उपज को भेजा जाता है पहले प्राथमिकता आनंद ग्राम में आने वाले लोगों को दी जाती है।
आनंदग्राम भरतपुर जिले के नदबई भुसावर भरतपुर रूपबास बयाना कुबेर नगर सहित मथुरा आगरा ग्वालियर फरीदाबाद दिल्ली आदि जिले में विशेष रूप से कार्य कर रही है इनके अलावा देश के 27 राज्यों में संस्था के माध्यम से सनातन धर्म मानव सेवा गौ सेवा स्वरोजगार आदि के कार्य किए जा रहे हैं।
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