बहुजन शायर सुरेश मेहरा की कविता "इस लोकतांत्रिक देश में कोलेजियम सिस्टम है"
सबको पता है हाई कोर्ट का जज बनने के लिए कौनसी परीक्षा है क्या नियम है।
जातिवाद का एक रूप इस लोकतांत्रिक देश में कोलेजियम सिस्टम है।।
अपने बेटे भाई रिश्तेदार को ही जज बनाते हैं कोलेजियम की ओट कर।
लोकतांत्रिक देश होते हुए भी विविधता नही चंद परिवारों का कब्जा है सुप्रीम कोर्ट पर ।।
आरक्षण हो या एससी एसटी एक्ट हो या जातिगत जनगणना हो एक तरफा फैसले आते हैं शायद सैट गेम होता है।
आप ये क्यों भूल जाते है जज भी इसान होते हैं उनकी भी जाति होती है शायद उन्हें भी जाति से प्रेम होता है।।
फैसला आने से पीड़ित परिवार मर जाते है चक्कर काट काट कर न्यायलयों में।
जज साहब छुट्टियों पर छुट्टी लेके मौज उड़ाते हैं लाख केस पेंडिंग में पड़े है फाइलों में ।।
उठाकर देखिए आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में कितनी एससी एसटी ओबीसी की हिस्सेदारी है।
सच्चाई यही है देश की गांव शहर कॉलेज विश्व विद्यालय न्यायालय हर जगह जातिवाद की बीमारी है।।
बहुजन शायर- सुरेश मेहरा, दौसा
What's Your Reaction?