डॉ अंबेडकर की पुण्यतिथि कार्यक्रम के अंतर्गत निबंधलेखन, भाषण, रंगोली प्रतियोगिताओ के साथ संगोष्ठी एवं शपथ का आयोजन
दमोह - संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि कार्यक्रम के अंतर्गत रंगोली, भाषण एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजौरा खमरिया में डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान नई दिल्ली के सहयोग से मिशन जन जागृति युवा मंडल द्वारा किया गया। सर्व प्रथम बच्चों एवं अतिथियों द्वारा संविधान एवं मतदाता जागरूकता की शपथ ली गयी।तत्पश्चात डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन वृत पर बच्चों ने निबंध के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किये। बच्चों द्वारा मतदाता जागरूकता पर आधारित रंगोली बनाई गई। जिसमें रंगोली के माध्यम से मतदाता जागरूकता का संदेश दिया गया तत्पश्चात संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद दमोह के जिला समन्वयक सुशील नामदेव ने कहा कि सामाजिक समरसता देश के विकास के लिए आवश्यक है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने भारत देश मे सामाजिक कुरूतियों के उन्मूलन के साथ ही सामाजिक समरसता के लिए प्रयास किये।
प्राचार्य आर एस ठाकुर द्वारा बच्चों को डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जीवन से प्रेरणा लेकर अच्छी पढ़ाई करते हुए जीवन मे अनुशासन और मेहनत करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत मे बच्चों को प्रमाण पत्र एवं पुरुस्कार वितरण किया गया। अंत मे सभी अतिथियों एवं स्रोत व्यक्तियों को संविधान की उद्देशिका के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किये गए।कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र सेन ने बताया कि संस्था द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमे प्रथम दिवस सरदार पटैल माध्यमिक शाला दमोह, शासकीय माध्यमिक शाला छापरी ठाकुर, शिव शिक्षा सदन बम्होरी में निबंधलेखन प्रतियोगिता, द्वितीय दिवस शासकीय ज्ञानचंद श्रीवास्तव स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व एवं क्षमता विकास कार्यक्रम के छात्रों के मध्य भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तृतीय दिवस शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजौरा खमरिया में निबंधलेखन ,रंगोली के साथ शपथ एवं संगोष्ठी।
कार्यक्रम के अंतिम दिन 06 दिसम्बर को ग्राम करौंदी में संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बाँसतरखेड़ा नेहरू युवक मंडल के जितेंद्र सिंह, हेमराज पटैल, जाहर सिंह, सुरेश कुमार, मनीसिंह, धनसिंह के साथ संबंधित स्कूलों के शिक्षकों का सहयोग रहा।
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