डॉ आंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन (आजाक) ने व्याख्याता पृथ्वीराज बैरवा की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
करौली: डॉ आंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन अजाक राजस्थान के आव्हान पर अजाक जिला करौली के द्वारा श्री मान अंकित कुमार सिंह जी जिला कलेक्टर महोदय करौली को पृथ्वीराज बैरवा व्याख्याता को पुनः राज्य सेवा बहाली बाबत ज्ञापन दिया गया निदेशक,माध्यमिक शिक्षा बीकानेर (अनुशासनिक अधिकारी) के द्वारा अनुसूचित जातिवर्ग के उक्त कार्मिक को अवैधानिक,पक्षपातपूर्ण एवं मन माने तरीके से बिना किसी ठोस आधारो के जल्दबाजी में सेवा से पदच्युत जैसे कठोर दण्ड से दण्डित किया गयाहैं। निदेशक महोदय के इस आदेश के विरूद्ध अनुसूचित जाति वर्ग में भारी असंतोष एवं रोष व्याप्त हैं।
अनुशासनिक अधिकारी द्वारा जारी उक्त आदेश में जो धार्मिक आरोप सोशल मिड़िया (फेसबुक) पर जारी उद्धरणो को राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम 1971 के नियम 4 (2) व नियम 7 (1) का उल्लघंन व अनुशासनहीनता तथा आमजन की सामाजिक व धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप प्रमाणित मानकर दण्डित किया गया हैं,जो सरासर गलत हैं। उपरोक्त आदेश मनमाना, पक्षपातपूर्ण , असंगत हैं
अनुशासनिक अधिकारी द्वारा श्री बैरवा के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम 1971 CCA के नियम 4 (2) का उल्लघंन करने व अनुशासनहीनता को आमजन की सामाजिक/धार्मिक भावनाओं का आहत करने का आरोपित किया गया है जो सरासर गलत हैं, जबकि CCA 4 (2) में उच्छृंखल व्यवहार के आरोप विरचित किए जाते हैं, जबकि श्री बैरवा द्वारा इस प्रकार का उच्छृंखल व्यवहार आमजनता के सामने नही रखा गया है और ना ही ऐसा कोई व्यवहार करने का आधार उपलब्ध है जिससे की किसी की जन भावनाओं को ठेस पहूँची हो।
बैरवा द्वारा निजी फेसबुक पर मैसेज प्रेषित करने के संबंध में स्पष्ट किया है कि सोषल मिडिया (निजी फेसबुक) पर जो उद्धरण जारी किये गये है वह संविधान के मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 19 के तहत अपने विचारो की अभिव्यक्ति के तहत आते है, जो भारत के संविधान में प्रदत्त हैं। जो किसी भी रूप में किसी की भावनाओ को ठेस पहूचाने की संज्ञा में नही आते है।श्री बैरवा द्वारा सोषल मिड़िया (निजी फेसबुक) पर जो अभिव्यक्ति के उद्धरण जारी किये गये है वे उद्धरण महात्मा ज्यातिबा फूले की कृति गुलामगिरी और डॉ. अम्बेडकर की कृति सम्पूर्ण अम्बेडकरवाग्मम्य में के खण्ड 6 के हिन्दु दर्षन जिसे भारत सरकार के सामाजिक न्याय अधिकारीता मंत्रयालय के डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान द्वारा प्रकासित किया गया है, में उल्लेखित है।इसके अलावा गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा जारी संक्षिप्त पदमपुराण के भूमि खण्ड में वर्णित है। डॉ. अम्बेडकर व महात्मा ज्योतिबा फूले के उक्त उद्धरण NCERT एवं राजस्थान सरकार द्वारा जारी पाठ्यक्रमों में शामिल है तथा उपरोक्त कृतिया ंकेन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा प्रतिबन्धित नही हैं, ऐसी स्थिति में श्री बैरवा द्वारा उनकी मूल कृतियों के संदर्भ को ही फेसबुक पर उद्धरत किया है जो किसी समाज को एवं जाति विषेष, धर्म को आपत्तिजनक नही हो सकते है।
इससे समाज में भारी रोष व्याप्त है परमानन्द महाबर, डा0 पप्पू राम कोली संरक्षक,अमृत लाल छाबड़ा जिला प्रबक्ता अजाक ,पदम सिंह कोषाध्यक्ष अजाक, रमेश चंद्र, राधेश्याम जाटव, रामस्वरूप रोधई, राधेश्याम वर्मा, घनश्याम जाटव शैलेंद्र कुमार बागोरिया उपाध्यक्ष, योगेंद्र कुमार कुलदीप वर्मा, रमाकांत , प्रदीप , विश्वदीप, कुलदीप, नीलेश कुमार ,दीपक कुमार वर्मा ,नरेश ,देव कुमार तोमर, राम सिंह जाटव, लेखराज चौधरी जिला अध्यक्ष अजाक।
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