जब मायावती ने अपने विधायक को घर से कराया था गिरफ्तार, MLA उमाकांत यादव को उम्रकैद की हुई सजा


यूपी के जौनपुर में 27 साल के पूर्व शाहगंज जंक्शन पर हुए जीआरपी सिपाही हत्याकांड मामले में पूर्व बसपा सांसद उमाकांत यादव समेत उनके छह साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश तृतीय शरद कुमार तिवारी ने पांच लाख का जुर्माना भी लगा दिया है। जुर्माने की आधी रकम पीड़ित पक्ष को देने के लिए कहा । कोर्ट के फैसले के समय उमाकांत यादव के सगे बड़े भाई रमाकांत यादव भी उपस्थित रहे।शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने 27 साल पुराने हत्याकांड मामले में उमाकांत समेत सात लोगों को दोषी करार दिया था। अदालत में 598 सुनवाइयों के बाद ये फैसला आया है। राजनीति में मछलीशहर से बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव बहुचर्चित नेता माने जाते हैं। उमाकांत यादव के अधिवक्ता कमला प्रसाद यादव ने कहा कि न्यायालय के आदेश का हम सम्मान करते हुऐ कहा हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

बहुजन समाज पार्टी के मछलीशहर से एक बार सांसद बने उमाकांत यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। उमाकांत यादव खुटहन से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। उमाकांत 1991 में पहली बार बसपा से खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से विधायक बने थे। इसके बाद 1993 में वे सपा-बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए थे।
- बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपने विधायक उमकांत को घर से गिरफ्तार कराया था।
2007 में उमाकांत यादव पर आजमगढ़ में जबरन एक घर गिरवाने का आरोप लगा गया था। मामले में वो फरार थे। बताया जाता है की मायावती ने उन्हें लखनऊ में अपने घर बुलावा कर इसी दौरान बाहर खड़ी पुलिस बुलाकर उमाकांत को गिरफ्तार कराया था। तब उमाकांत यादव लंबे समय तक जेल में रहे। CM रहते मायावती के इस फैसले से सब हैरान हो गए थे।

बसपा MLA को सात साल की सजा सुनाई गई है
इसके बाद वर्ष 2007-08 में जेल में बन्द रहते हुए उमाकांत यादव पर जौनपुर में गीता नाम की महिला की जमीन अनियम अनुसार से रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा था। गीता की याचिका पर जौनपुर दीवानी न्यायालय ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई।।
What's Your Reaction?






