अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के बैनर तले बहुजनों के हक, अधिकार एवं आत्मसम्मान के लिए बहुजन संसद का आयोजन
देश के 29 राज्यों के सैंकड़ों भीम सैनिकों ने बहुजन संसद में शिरकत कर हूंकार भरी एवं ज्वलंत मुद्दों पर भारत सरकार से त्वरित कार्यवाही की पुरजोर मांग की गई। कार्यक्रम में समस्त अम्बेडकरवादियों का भारत सरकार के प्रति आक्रोश चरम पर रहा । डॉ . उदित राज, डॉ . ओम सुधा, महेंद्र नागोरी, प्रदेशाध्यक्ष, आर.के. कलसोतरा, एम.के. मंडल, वल्लभ लखेश्री, सुरेश देशबंधु, शांति चौहान इत्यादि ने अपने उद्बोधन में कहा कि नकली राष्ट्रवाद, धर्म की अफीम के नाम पर जातिय वैमनस्यता फैलाकर समाज में नफरत की दीवारें खड़ी की जा रही है। देश की मुख्य समस्याओं बेरोजगारी, महंगाई, जातिय हिंसा, निजीकरण, आरक्षण से ध्यान भटकाने की घिनौनी राजनीति की जा रही है । देश का हर व्यक्ति सरकार से त्रस्त है और वो सता परिवर्तन के लिए मानस बना चुका है । जुमलों और झूठे वादों से आहत आम नागरिक कर्नाटक नतीजों के बाद अगले 5 राज्यों एवं लोकसभा चुनाव में भ्रष्ट नेताओं को सबक सिखाने के लिए ताल ठोकने का मन बना चुका है। जो बहुजन हित, अधिकारों की बात करेगा उसे आगामी चुनावों में बहुजन समाज भरपूर समर्थन से सता में वोट करेगा । बहुजन संसद कार्यक्रम को लेकर पुरी राजधानी दिल्ली को नीले झंडों, बैनर से पाट दिया गया। प्रत्येक कारों, मोटरसाइकिलों, बसों, ट्रेन पर नीले झंडों से सज बहुजन कांस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली की ओर पंहुचे।
एडवोकेट सुनील मेहरा, सुमन मेहरा, नेमीचंद आर्य, शेषाराम बावरी, जगदीश मालवीय, संतोष बढारिया, दिनेश सिंघारिया, हुकमाराम सोलंकी, शोभाराम बावरी, एडवोकेट जितेन्द्र नागोरा, सुरेश नागोरा, श्रवण चंदेल, सुरेश मेघवाल छीला, दुर्गा राम बिरठ, गोपाल देवड़ा, अशोक सांसी, विश्राम मीणा, लीलाराम चौहान, प्रेम बाकोलिया, श्याम लाल तोषावडा, धनराज, रामलाल मीणा, ओ.पी. जयपाल, नमिता सोलंकी, दीपांशी सोलंकी, कांता पिंगोलिया, हुकमसिंह मीणा, राजकुमार बैरवा, महेश मीणा, डॉ. अशोक निर्वाण इत्यादि प्रबुद्धजनों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई । बहुजन संसद कार्यक्रम में आगामी रणनीति पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूरे देश भर में बहुजन संसद कार्यक्रम आयोजित करने एवं नवम्बर माह में राष्ट्रीय स्तर की विशाल महारैली नई दिल्ली में करने का ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया गया। पूरे देश के बहुजनों को संसद कार्यक्रम में शामिल होकर सफल बनाने हेतू डॉ . ओम सुधा, राष्ट्रीय महासचिव ने कोटि कोटि साधुवाद कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
- नये संसद भवन का नामकरण संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर संसद भवन रखा जाये।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण निरस्त किया जाये
- उच्च न्यायपालिका, सेना एवं उधोगों में आरक्षण लागू किया जाए।
- ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं ।
- जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किये जाए ।
- निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू किया जाए।
- बढ़ी हुई जनसंख्या के आधार पर जल, जंगल और जमीन संसाधनों का आनुपातिक वितरण किया जाए ।
- आईएएस पदों पर लैटरल भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
- दलित उत्पीड़न मामले में दोषी को उम्रकैद, फांसी देकर एक्ट्रोसिटी एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
- मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया जाए।
- विशेष भर्ती अभियान द्वारा बैकलाग पदों की बहाली की जाए ।
- ठेका पद्धति में आरक्षण कड़ाई से प्रदान किया जाए ।
- संविधान को 09 वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
- संविधान को राष्ट्रीय धर्म घोषित किया जाए।
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