कविता "बजट का बवंडर" आशाराम मीना जी की लेखनी
नए बजट में हो गई घोषणा अब तो जश्न मनाएंगे।
एनपीएस से मुक्त होकर ओपीएस सभी पाएंगे।।
वादा है वादा रहेगा हम वचन अपना निभाएंगे।
राजनीति के जादूगर को फिर सत्ता में लायेंगे।।
गौण हो गए मुद्दे सारे विपक्षी कैसे चिल्लाएंगे।
नाथी तेरे बाडे में फिर से मौज मस्ती उड़ाएंगे।।
बादल बेरोजगारों के सिर में फिर से मंडराएंगे।
एक साल में लाखों भर्तियां कैसे करवाएंगे।।
निविदा संविदा कर्मी सब परमानेंट हो जाएंगे।
डिग्री धारियों को जादूगर चपरासी बनाएंगे।।
रीट माता की चौखट में किरोड़ी बाबा आएंगे।
लट्ठ लिए हाथ में भैंस को अपनी मेड दिखाएंगे।।
खूब सुना है और सुनोगे इस जादूगर के टोने में।
राहुल जी की ऋण माफी रहगई लटकी कोने में।।
जवानों की जवानी तो निकलेगी रोने धोने में।
मंत्रियों के चेहरे खिल गए जादूगर के टोने में।।
आशाराम तो यही कहे ध्यान धरो निज कानों में।
शिक्षा का महत्व नहीं इन सत्ता की दुकानों में।।
लेखक: आशाराम मीणा उप प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक कोटा।
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