पत्रकार शरद शर्मा ने 17 साल बाद छोड़ दिया एनडीटीवी ! अब The Swatantra नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया ।
Sharad Sharma :- पत्रकारिता की पढ़ाई के दिनों से ही सपना था देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल NDTV में काम करने का ,2007 में सपना पूरा हुआ, 17 साल NDTV में काम किया । जीवन मे NDTV के अलावा किसी और चैनल में काम करने का कभी सोचा ही नहीं...चाहे हालात कैसे भी हुए ।
शरद शर्मा :- पत्रकारिता की पढ़ाई के दिनों से ही सपना था देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल NDTV में काम करने का ,2007 में सपना पूरा हुआ, 17 साल NDTV में काम किया । जीवन मे NDTV के अलावा किसी और चैनल में काम करने का कभी सोचा ही नहीं...चाहे हालात कैसे भी हुए ।
लेकिन पिछले 2 सालों से एक अजीब सी कश-म-कश में था, दिल कुछ कह रहा था, दिमाग कुछ और... ख़ुद से लंबे वैचारिक संघर्ष के बाद मैंने अपने दिल की बात सुन ली है । आख़िरकार मैंने NDTV छोड़ दिया है...स्वतंत्र हो गया हूँ और खुले मैदान में आ गया हूँ । थोड़ा आसान और थोड़ा आराम वाला जीवन छोड़कर संघर्ष का रास्ता चुन लिया है ।
The Swatantra के नाम से आपका अपना Youtube चैनल शुरू किया है जिसमें आपका सहयोग नहीं भागीदारी चाहिए ।
शरद शर्मा के एनडीटीवी छोड़ने पर पत्रकार रविश कुमार ने पत्रकार शरद शर्मा का स्वागत किया और लिखा है " संघर्ष के इस रास्ते पर स्वागत है शरद। याद रखना कि पत्रकारिता यहाँ मिट चुकी है ।जब तक हो सकता है जमकर करो, फिर कुछ और भी करो। सभी को अपनी आग में जलना है। मीडिया संस्थानों के बिक जाने के बाद व्यक्ति प्रयास तो कर सकता है लेकिन जब तक गोदी मीडिया का सवाल लोकतंत्र के सामूहिक अस्तित्व और भविष्य का नहीं बनेगा, हज़ारों लोगों को अच्छा रोज़गार देने वाली पत्रकारिता उजाड़ होती रहेगी बल्कि हो चुकी है। अब यहाँ नैतिकता की आख़िरी ईंट भी नहीं बची है। काश कोई हर ट्रक और टेंपो के पीछे लिखवा देता कि गोदी मीडिया भारत के लोकतंत्र का हत्यारा हैं। एक लाइन लिखने में लोगों की हालत ख़राब है लेकिन सच तो यही है। गोदी चैनल पत्रकारिता के संस्थान भी चलाते हैं और वहाँ पढ़ने लोग जा भी रहे हैं। पता नहीं उन छात्रों को क्या पढ़ाया जाता होगा। वहाँ पर एक कोर्स होना चाहिए कि दलाल कैसे बने, गोदी ऐंकर इस कोर्स को अच्छे से पढ़ा देंगे। युवा पढ़ भी लेंगे ही ही करते हुए।
गोदी मीडिया सरकार के गुनाहों पर पर्दा डालता है और अपने गुनाहों पर भी। महाराष्ट्र की हालत देख लो, कैसी चुप्पी पसरी है। इस मीडिया के रहते कुछ भी साबित किया जा सकता है।
कभी-कभी सोच कर डर लगता है कि गोदी चैनलों में जो अच्छे पत्रकार हैं वो किस तरह अपनी रात काटते होंगे। तर्कों से समझाते होंगे फिर करवट बदलते होंगे। वहाँ की बातों को छोड़ अपने रास्ते पर निकल चलो। देखो ज़िंदगी कहाँ ले जाती है। बस हौसला बुलंद रखना। ऐसा काम करना कि दूसरों को भी यह रास्ता अपनाने का हौसला मिले। अब तुम स्वयं के साक्षी हो।
आप सभी से अनुरोध है कि शरद का हौसला बढ़ाइये। उनके चैनल को सब्सक्राइब कीजिए। शरद को शुभकामनाएँ ।"
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