जयपुर, 2 जून। राजभवन में रविवार को तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए तेलंगाना के स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनसे संवाद भी किया।
मिश्र ने तेलंगाना के इतिहास की चर्चा करते हुए इस प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से भी समृद्ध बताया। उन्होने कहा कि तेलंगाना शब्द का इस्तेमाल निज़ामों ने अपने राज्य के मराठी भाषी क्षेत्रों से इसे अलग करने के लिए किया था। तेलंगाना ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत समृद्ध प्रदेश है। हैदराबाद तेलंगाना का सबसे विशाल और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और यह दक्षिण-मध्य आंतरिक भारत का प्रमुख शहरी केंद्र है। उन्होंने युवा राज्य तेलंगाना में नवाचार और उद्यमिता के प्रयासों की सराहना की तथा इसके उत्तरोत्तर विकास की कामना की।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजभवन में राज्यों के स्थापना दिवस मनाने के पीछे भावना यही है कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की सोच से हम सभी जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में भाषाई, रहन-सहन, खान-पान की विविधता के बाद भी हमारे यहां एकता का भाव है। इसी से समरसता का निर्माण होता है।
उन्होंने संविधान को सर्वोच्च बताते हुए अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संविधान भारतीय जीवन मूल्यों का जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने संविधान की मूल प्रति पर उकेरे चित्रों की चर्चा करते हुए कहा कि इनमें भारत के इतिहास और संस्कृति के साथ उदात्त जीवन मूल्यों का ओज समाया हुआ है। इस अवसर पर तेलंगाना के स्थानीय लोगों ने राजस्थान के अपनत्व भरे वातावरण की सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल तथा प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल भी उपस्थित रहे।