राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस, राजस्थान पुलिस के इतिहास, जनक, प्रमुख, संस्थापक एवं सम्पूर्ण जानकारी

Apr 16, 2025 - 19:08
Apr 16, 2025 - 19:09
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राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस, राजस्थान पुलिस के इतिहास, जनक, प्रमुख, संस्थापक एवं सम्पूर्ण जानकारी

राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस हर साल 16 अप्रैल को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1949 में हुई थी। जनवरी 1951 में राजस्थान पुलिस सेवा का किया गया गठन। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी ने राजस्थान पुलिस को 30 मार्च 1954 को पुलिस ध्वज प्रदान किया । राजस्थान राज्य के गठन के पश्चात तत्कालीन महामहिम राज्य प्रमुख द्वारा राजस्थान पुलिस के एकीकरण के लिए 16 अप्रैल, 1949 को राजस्थान पुलिस एकीकरण अध्यादेश 1949 के जरिए राजस्थान पुलिस का एकीकरण किया गया था। इस कारण राजस्थान पुलिस के लिए 16 अप्रैल महत्वपूर्ण दिन है। राजस्थान पुलिस ने नई शुरूआत कर इस दिन को पुलिस दिवस के रूप में धूमधाम व समारोहपूर्वक राज्य, रेंज, जिला और यूनिट स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है।

क्या है राजस्थान पुलिस का इतिहास ?

पुलिस सिस्टम आधुनिक रूप मध्यकालीन और पुनर्जागरण काल के दौरान विकसित हुआ। शुरुआती दिनों में तो कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी शाही सैन्य बलों और सामंती प्रशासन के अधीन होती थी। लेकिन जब शहरों का विस्तार हुआ और नागरिक समाज विकसित हुआ तो पुलिस बलों का अस्तित्व भी जरूरी हो गया। यहां तक कि प्राचीन मिस्र, मेसोपोटामिया और ग्रीस में पुलिस व्यवस्था की अवधारणा पहले से ही मौजूद थी।इनका काम राज्य की और राज्य के लोगों की सुरक्षा व्यवस्था देखनी थी लेकिन 16वीं और 17वीं शताब्दी में शहरों का आकार बढ़ा और लोगों की संख्या ज्यादा हो गई, तब कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंग्लैंड में वाचमैन और कांस्टेबल्स जैसी पुलिस इकाइयों को विकसित किया गया। इनका काम रात में शहर की सुरक्षा करना और अपराध को बढ़ने से रोकना था। वहीं फ्रांस में औपचारिक रूप से पुलिस को लुई XIV के शासनकाल के दौरान स्थापित किया गया। पुलिस को लेकर कई इतिहासकारों के अपने अलग-अलग मत हैं लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है कि आधुनिक पुलिस बल की शुरुआत 18वीं और 19वीं शताब्दी में हुई। दरअसल इस दौरान यूरोप में औद्योगिक क्रांति और शहरीकरण की वजह से अपराधों में भी वृद्धि हुई जिससे समाज में एक संगठित पुलिस व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई इसी को देखते हुए 1829 में लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस की स्थापना की गई और कहा जाता है कि आज की पुलिस व्यवस्था इसे प्रेरित है। अगस्त 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ भारत की 563 रियासतों को धीरे-धीरे विभिन्न प्रशासनिक सजातीय इकाइयों में एकीकृत किया गया। राजस्थान राज्य अपने वर्तमान स्वरूप में विभिन्न चरणों में अस्तित्व में आया। मत्स्य संघ जिसमें अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली शामिल थे। 18 मार्च, 1948 को पहली बार स्थापित हुए थे। कुछ दिन बाद बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, कुशलगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, टोंक और उदयपुर से जुड़ गए थे। इसके ठीक एक साल बाद चार बड़े राज्य जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर भी इसमें शामिल हो गए। इन दोनों ने मिलकर वृहद राजस्थान का निर्माण किया।जिसका उद्घाटन भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 31 मार्च 1949 को किया था। आजादी के बाद शुरू हुई यह प्रक्रिया साल 1956 में पूर्ण हुई। जब समस्त रियासतों को मिलाकर राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में आया। राजस्थान को बनाने वाली तत्कालीन रियासतों के आकार, जनसंख्या, राजस्व संसाधनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और प्रथाओं में काफी भिन्नता थी। यह कानून और व्यवस्था के कार्यों के लिए बनाए गए सुरक्षा बलों की संरचना और क्षमता में विधिवत रूप से परिलक्षित होता था। हालाँकि, इन राज्यों के विलय के साथ उनके पुलिस बलों को एक ही पुलिस बल में मिला दिया गया, जिसे राजस्थान पुलिस के रूप में जाना जाता है । अपनी स्थापना के बाद के शुरुआती वर्षों में राजस्थान पुलिस की अध्यक्षता प्रतिनियुक्त अधिकारियों द्वारा की जाती थी। पहले पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.बनर्जी थे। जिन्होंने 7 अप्रैल, 1949 को पदभार संभाला था। बनर्जी ने सात महीने तक इस पद पर सेवाएं दी और उन्होंने इस अवधि के दौरान विभिन्न पुलिस बलों के एकीकरण के आवश्यक प्रारंभिक कार्यों के लिए किए गए प्रयासों में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने राजस्थान पुलिस विनियम में संयुक्त राज्य राजस्थान के लिए एक सामान्य पुलिस कोड तैयार किया। जनवरी 1951 में राजस्थान पुलिस सेवा का गठन किया गया और पूरे राज्य से पात्र अधिकारियों की नियुक्ति की गई। इन प्रयासों ने राजस्थान पुलिस को वह स्वरूप प्रदान किया। राजस्थान पुलिस सेवा का गठन किया गया और पूरे राज्य से पात्र अधिकारियों की नियुक्ति की गई।

पुलिस का पूरा नाम क्या है ? 

पुलिस का पूरा नाम - पब्लिक ऑफ़िसर फ़ॉर लीगल इन्वेस्टिगेशन ऐंड क्रिमिनल इमरजेंसीज़' हिन्दी में पुलिस को कानूनी जांच और आपराधिक आपात स्थितियों के लिए सार्वजनिक अधिकारी कहते हैं। 

पुलिस को आरक्षी, राजकीय जन रक्षक, अपराध उन्मूलन जनरक्षक दल भी कहते है । पुलिस का कर्तव्य है वह सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखना, कानून लागू करना, अपराधों को रोकना, पता लगाना, जांच करना एवं लोगों को कानून का पालन करने के लिए मजबूर करना, अपराध करने वाले लोगों को पकड़ना आदि पुलिस का ही कार्य है ।पुलिस एक सुरक्षा बल है जो कानून लागू करता है और अपराधों को रोकता है।

राजस्थान पुलिस का नारा क्या है?

राजस्थान पुलिस भारत के राजस्थान राज्य के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसी है जिसका मुख्यालय राज्य की राजधानी जयपुर में है। पुलिस बल का आदर्श वाक्य सेवा के लिए प्रतिबद्ध , सेवार्थ कटिबद्धता है।

 पुलिस शब्द कहाँ से आया?

पुलिस शब्द मूल रूप से लैटिन शब्द पॉलिटिया Politia से लिया गया है, जिसका मतलब राजनीतिक व्यवस्था या राज्य का प्रशासन है ।पुलिस शब्द पोलाइट Polites जो कि नागरिक या शहर का सदस्य को दिखाता है, से उत्पन्न हुआ ।बाद में इस शब्द को फ्रांसीसी भाषा में पुलिस पुलिस के रूप में संदर्भित किया गया और फिर अंग्रेजी में भी इसका उपयोग होने लगा।

पुलिस का जनक कौन था?

भारत में पुलिस व्यवस्था का जनक लॉर्ड कार्नवालिस को माना जाता है। उन्होंने ही पुलिस प्रशासन को बड़े ज़मींदारों के अधिकार क्षेत्र से हटाकर कंपनी के एजेंटों के प्रति ज़िम्मेदार बनाया था।

लॉर्ड कार्नवालिस कौन है ?

लॉर्ड कार्नवालिस ने ही पुलिस सेवा को सिविल सेवाओं और सेना के अलावा ब्रिटिश प्रशासन का तीसरा स्तंभ बनाया था। उन्होंने ही जिले में पुलिस थाने की स्थापना कर एक दरोगा को इसका इंचार्ज बनाया था। लॉर्ड कार्नवालिस ही 1793 में कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया था जो शक्तियों के पृथकीकरण सिद्धांतों पर आधारित था। लॉर्ड कार्नवालिस ही बंगाल में स्थायी बन्दोबस्त के रूप में एक नई राजस्व पद्धति की शुरुआत की थी।

राजस्थान पुलिस का प्रतीक चिन्ह क्या है?

राजस्थान पुलिस का प्रतीक चिह्न विजय स्तंभ है। यह नौ मंजिला इमारत है। इस स्तंभ के अंदर और बाहर कई देवी-देवताओं, अर्द्धनारीश्वर, रामायण और महाभारत के पात्रों की मूर्तियां बनी हुई हैं । 

पुलिस स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है?

राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस पुलिस विभाग की सेवाओं और शहीदों को सम्मानित करने का एक अवसर है। इस दिन पुलिसकर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है और शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

पुलिस के लोगो में नीले और लाल रंग का क्या मतलब है?

 पुलिस लोगो में लाल और नीला रंग का इस्तेमाल उनकी पहचान के लिए किया जाता है। लोगो में लाल रंग का इस्तेमाल आपातकाल की सूचना देने के लिए किया जाता है जबकि नीला रंग कानून और क़ानूनी क्रियावली की प्रतीक होता है। पुलिस गाड़ियों में इस तरह के रंगों का इस्तेमाल शुरुआत में खासकर इसलिए होता था कि उनकी पहचान दूर से हो सके और अन्य गाड़ियों से उन्हें अलग किया जा सके। इसके अलावा इन रंगों का इस्तेमाल गंभीर स्थितियों में आपातकालीन सूचना या संकेत भी देने के लिए किया जाता है। 

राजस्थान पुलिस का आदर्श वाक्य क्या है?

जो नहीं बदला है वह है एस्पिरिट डे कॉर्प्स - एक ऐसा सौहार्द जो हर एक पुलिसकर्मी को एक परिवार का हिस्सा होने का एहसास कराता है क्योंकि वह राजस्थान पुलिस के हमारे आदर्श वाक्य सेवार्थ कटिबद्धता की सच्ची भावना से काम करने की कोशिश करता है।

भारत में सबसे बड़ी पुलिस कौन है?

भारतीय पुलिस विभाग में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) का पद सबसे ऊंचा होता है। पूरे राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी डीजीपी पर होती है।

पुलिस पहली बार कब बनी थी?

1791 में पहला स्थायी पुलिस बल चार्ल्स कॉर्नवालिस ब्रिटिश भारत के कमांडर-इन-चीफ और फोर्ट विलियम के प्रेसीडेंसी के गवर्नर द्वारा स्थापित किया गया था। ब्रिटिश राज के गठन के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के साथ एक एकल पुलिस बल की स्थापना की गई थी।

राजस्थान पुलिस अकादमी की स्थापना कब हुई थी?

घुड़सवारी स्कूल की स्थापना 1974 में पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, किशनगढ़ में की गई थी। इसे 1978 में राजस्थान पुलिस अकादमी, जयपुर में स्थानांतरित कर दिया गया। राइडिंग स्कूल राजस्थान पुलिस अकादमी के बाहरी इलाके में स्थित है।

भारत में पुलिस की स्थापना कब हुई थी?

1861 में यूनाइटेड किंगडम की संसद ने भारतीय परिषद अधिनियम 1861 पेश किया। इस अधिनियम ने भारत में एक आधुनिक और पेशेवर पुलिस नौकरशाही की नींव रखी। इसने पुलिस का एक नया कैडर पेश किया, जिसे सुपीरियर पुलिस सर्विसेज कहा जाता है, जिसे बाद में भारतीय शाही पुलिस के रूप में जाना जाता है।

राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की स्थापना कब हुई थी?

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की स्थापना शुरू में 15 सितंबर 1948 को राजस्थान के माउंट आबू में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के रूप में की गई थी।

भारत में पुलिस अकादमी का नाम क्या है?

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए), भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षण देती है।

भारतीय पुलिस अधिनियम की स्थापना कब हुई थी?

पुलिस अधिनियम, 1861 पुलिस के अधीक्षण को सीधे राजनीतिक कार्यकारी यानी राज्य सरकार के हाथों में सौंपता है। वर्तमान समय में, पुलिस प्रमुख (महानिदेशक/महानिरीक्षक) मुख्यमंत्री की इच्छा पर अपना कार्यकाल पूरा करते हैं।

पुलिस के संस्थापक कौन है?

प्रथम केन्द्रीय रूप से संगठित और वर्दीधारी पुलिस बल का गठन 1667 में राजा लुई XIV की सरकार द्वारा पेरिस शहर की पुलिसिंग के लिए किया गया था, जो उस समय यूरोप का सबसे बड़ा शहर था।

दुनिया में किस देश की पुलिस सबसे अच्छी है? 

2022 में 28 देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, डेनमार्क, नीदरलैंड और स्वीडन में पुलिस पर भरोसा सबसे अधिक है।

पुलिस का पुराना नाम क्या था?

भारतीय पुलिस सेवा को पहले 'इंपीरियल पुलिस' के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश शासनकाल में इसे इंपीरियल पुलिस सेवा कहा जाता था। साल 1948 में इसका नाम बदलकर भारतीय पुलिस सेवा कर दिया गया।

राष्ट्रीय पुलिस का नाम क्या है?

भारतीय पुलिस सेवा जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस के नाम से भी जाना जाता है। भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफ़एस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अन्तर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था।

राष्ट्रीय पुलिस अकादमी कहाँ स्थित है?

यह अकादमी शिवरामपल्ली, हैदराबाद, तेलंगाना, भारत में है।

प्रथम पुलिस प्रमुख कौन थे?

7 अप्रेल, 1949 को राजस्थान के प्रथम पुलिस प्रमुख के रूप में श्री आर. बेनर्जी ने महानिरीक्षक पुलिस का पदभार सम्भाला।

पुलिस विभाग में कौन कौन से पद होते है? 

पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी DGP) 

राज्य पुलिस का सबसे उच्च पद डीजीपी का होता है । किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस विभाग का सर्वोच्च अधिकारी होता है। डीजीपी का पद तीन सितारा रैंक रखता है और डीजीपी को कैबिनेट द्वारा नियुक्त किया जाता है। डीजीपी अपने अधिकार क्षेत्र में संपूर्ण पुलिस बल और कानून प्रवर्तन गतिविधियों की देखरेख करता है। वह कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध रोकथाम रणनीतियों को लागू करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डीजीपी आमतौर पर राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी ADGP)- डीजीपी के बाद दूसरा उच्च पद एडीजीपी का होता है ।

पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी IGP) - पुलिस विभाग में आईजीपी का उच्च पद होता है जो कई जिलों या क्षेत्रों को नियंत्रित करता है। 

पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी DIG)- आईजीपी के अधीन डीआईजी का पद होता है । जो एक क्षेत्र या जिले को नियंत्रित करता है। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी SSP) - जिले का प्रमुख पुलिस अधिकारी होता है।

पुलिस अधीक्षक (एसपी SP)- एक जिले का प्रमुख पुलिस अधिकारी पुलिस अधीक्षक होता है । 

अपर पुलिस अधीक्षक (Addl.SP ) एसपी के अधीन अपर पुलिस अधीक्षक का पद होता है जो जिले के कार्य में सहायक होता है। 

सहायक एसपी (ASP) 

डिप्टी एसपी (DSP)

पुलिस निरीक्षक (PI)  

सब-इंस्पेक्टर (SI) - थाना प्रभारी या स्टेशन हाउस ऑफिसर के रूप में कार्य करता है। 

असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI)

हेड कॉन्स्टेबल (Head Constable )

वरिष्ठ कांस्टेबल (Senior Constable) 

कॉन्स्टेबल (Constable) - पुलिस विभाग में सबसे निचले स्तर का पद कॉन्स्टेबल का होता है ।

वर्तमान में राजस्थान पुलिस का प्रमुख कौन है?

राजस्थान के पहले डीजीपी श्री आर. बनर्जी जी रहे जबकि वर्तमान डीजीपी वरिष्ठ आईपीएस श्री उत्कल रंजन साहू जी हैं। 

कौन है राजस्थान के पुलिस महानिदेशक श्री उत्कल रंजन साहू जी ? 

20 जून 1964 को ओडिशा में जन्मे श्री उत्कल रंजन साहू जी भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अधिकारी हैं। श्री उत्कल रंजन साहू जी बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अव्वल और मेहनती रहे है।इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ओडिशा से ही प्राप्त की है। आईपीएस उत्कल रंजन साहू जी ने एम.टेक. इंजीनियरिंग भूविज्ञान की पढ़ाई की है। ये मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक़ रखते है। साहू जी को जून 2020 में ही डीजी रैंक पर प्रमोशन मिला था। इससे पहले वो कमांडेंट जनरल, होम गार्ड्स पद पर सेवाएं दे चुके हैं । डीजीपी उत्कल रंजन साहू जी ने अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत 18 नवंबर 1991 को जोधपुर एएसपी पद से शुरू की थी।इसके बाद सीकर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, धौलपुर व जोधपुर जिले में SP पद पर भी रहे हैं।

Writer: Madan Mohan Bhaskar

Writer: Madan Mohan Bhaskar

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