Kargil Vijay Diwas: पूर्व सैनिकों के सम्मान में मनाया कारगिल विजय दिवस
भरतपुर: पथेना गाँव में गोपाल जी के मंदिर पर वैर क्षेत्र के पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं को कारगिल दिवस मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम रखा गया जिसके मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष श्री ऋषि बंसल जी रहे।
विशिष्ट अतिथि सुमरन सिंह मवई ,कैप्टन सियाराम,कैप्टन प्रेम सिंह, P. C शर्मा, तहसील अध्यक्ष गौरव सेनानी,तहसील उपाध्यक्ष हवलदार शिशुपाल, ठाकुर लक्ष्मन सिंह, ठाकुर रमेश बाबा, दामोदर पहलवान, जयसिंह गुरुजी, दीपक सेठ ,मंच संचालक हितेश गुरुजी और सेंकड़ों की संख्या मैं आदरणीय वरिष्ठ पूर्व सैनिक और वीरांगना बहन उपस्थित रही।
जिलाध्यक्ष द्वारा विशेष अतिथियों और सैनिकों का सम्मान किया गया और उन्होंने अपने ओजस्वी भाषण से सभी सैनिकों को हमारे देश की रक्षा करने औऱ कारगिल युद्ध में देश को विजय दिलाकर देश को गौरवान्वित करने की बात कही। जिलाध्यक्ष के उद्बोधन के बाद सभी सम्माननीय अतिथियों ने कारगिल दिवस पर अपने विचार रखे।
कोमल महावर ने बताया कि 26 जुलाई, यही वह तारीख है जिसे भारत अपनी 'विजय' और पाकिस्तान अपनी 'पराजय' के लिए कभी भूल नहीं पाएगा। भारतीय क्षेत्र में करगिल की पहाड़ियों पर कब्जा कर भारतीय सैनिकों ने अपनी विजय पताका फहराते हुए भारत देश की शान को हमेशा के लिए पाकिस्तान को हराकर गर्व से ऊंचा कर दिया।
हर साल 26 जुलाई को पूरे देश में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. करगिल विजय दिवस भारतीय सेना के साहस, पराक्रम,और शौर्य का प्रतीक है। यह दिन भारतीय सेना की जांबाजी, पराक्रम और बहादुरी के लिए जाना जाता है। यही वो दिन है जब भारत ने कारिगल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटाई थी. भारत के सैकड़ों वीर जवानों की शहादत को याद करते हुए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
इस लड़ाई की शुरुआत 3 मई 1999 को हुई थी, जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5 हजार से ज्यादा सौनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। जैसे ही भारतीय जवानों को इसकी भनक लगी तो पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए 'ऑपरेशन विजय' चलाया गया। जिसके बाद 26 जुलाई को भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया और भारत की जीत का ऐलान हुआ।
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