पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी जरूरी, अन्यथा बडा आंदोलन झेलने को तैयार रहे सरकार - अन्ना हजारे
किसान नेता रामनिवास मीना और रविन्द्र मीना के आमंत्रण पर टोडाभीम के कुठीला हनुमान मंदिर पहुंचे अन्ना हजारे, ईआरसीपी के लिए जनसभा को किया संबोधित
![पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी जरूरी, अन्यथा बडा आंदोलन झेलने को तैयार रहे सरकार - अन्ना हजारे](https://www.missionkiawaaz.in/uploads/images/202309/image_870x_6505a95dedc41.jpg)
टोडाभीम: देश के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी बहुत ही जरूरी है। इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में सरकार को देर नहीं करनी चाहिए। अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार ने ईआरसीपी नहीं दी तो नई दिल्ली के रामलीला मैदान के बाद दूसरा बडा आंदोलन पूर्वी राजस्थान की धरती पर होगा। इसके लिए सरकार को तैयार हो जाना चाहिए।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष भामाशाह रामनिवास मीना और प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना के आमंत्रण पर शनिवार को अन्ना हजारे पहली बार पूर्वी राजस्थान पहुंचे और ईआरसीपी के लिए टोडाभीम के कुठीला वाले हनुमान मंदिर के पास जनसभा को संबोधित किया। जनसभा में 50 हजार से ज्यादा संख्या में महिला-पुरुष एकत्र हुए। विषाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता अन्ना हजारे ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के आमजन की पहली जरूरत ईआरसीपी है। इसे सरकार को बहुत पहले समझ लेना चाहिए था, लेकिन आश्चर्य है कि सरकार ने अभी तक पूर्वी राजस्थान की इस अहम जरूरत के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है। यह पूर्वी राजस्थान के लोगों के जीवन से जुडी हुई परियोजना है। अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी उम्र भले ही 86 साल हो गई है, लेकिन अभी बूढे नहीें हुए हैं। सरकार ने पूर्वी राजस्थान के लोगों को ईआरसीपी देने में अब देर की तो वे ईआरसीपी के लिए बडा आंदोलन करने में कोई संकोच नहीं करेंगे। अन्ना हजारे ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के किसान नेता रामनिवास मीना और रविन्द्र मीना सहित रालेगण सिद्धि पहुंचे राजस्थान के किसानों से ईआरसीपी की उपयोगिता को समझा है। सरकार को भी इसे गंभीरता से समझते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना चाहिए।
देश और समाज के लिए जीवन समर्पित
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसान नेता रामनिवास मीना की अध्यक्षता में हुई जनसभा में कहा कि उन्होंने अपना जीवन देश और समाज के लिए समर्पित कर रखा है। उन्होंने कहा कि वे जब तक जीएंगे तो देश और समाज के लिए ही जीएंगे। समाज और देश की मांग को सरकार नहीं मानती है तो आमजन के सामने आंदोलन ही एक मात्र रास्ता रहता है। इसी प्रकार ईआरसीपी के लिए वे बडे आंदोलन के लिए तैयार हैं। जनसभा को अन्ना हजारे के साथ लोक आंदोलन की कार्याध्यक्ष कल्पना ताई ईनामदार, रिटायर्ड आईएएस डाॅ. कमलनाथ टावरी, दत्ताभाई आवारी, राजस्थान राज्य पंचायत परिषद के अध्यक्ष सुभाष पाराशर, कोटा के किसान नेता दशरथ सिंह, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना ने भी संबोधित किया। संचालन समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने किया।
सूत की माला और राजस्थानी साफे में सजे अन्ना हजारे
पहली बार पूर्वी राजस्थान पहुुंचे अन्ना हजारे और उनकी टीम का किसान नेता रामनिवास मीना, उनकी धर्मपत्नी पूर्व सरपंच प्रेमलता मीना और युवा किसान नेता रविन्द्र मीना सहित पहाडी, महस्वा आदि गांवों के पंच पटेलों ने राजस्थानी परंपरा के तहत अभिनंदन किया। सूत की माला और राजस्थानी साफे में अन्ना हजारे खूब सजे हुए दिखाई दिए। उनका गुलदस्ता भेंटकर एवं शॉल ओढाकर अभिनंदन किया गया। इस राजस्थानी अभिनंदन के प्रति अन्ना हजारे ने रामनिवास मीना और रविन्द्र मीना का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अन्ना हजारे ने भामाशाह रामनिवास मीना की ओर से किए जा रहे जनकल्याण के कार्यों की पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। इसके साथ अंत में रामनिवास मीना, रविन्द्र मीना के साथ हाथ मिलाकर ईआरसीपी को अपना समर्थन प्रदान किया।
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