कविता : बिखरे ना बंधन हमारा - अंकुर सिंह

Oct 21, 2024 - 14:04
Oct 21, 2024 - 14:10
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कविता : बिखरे ना बंधन हमारा  - अंकुर सिंह
Photo : Ankur Singh

अबकी जो तुमसे बिछड़ा,

जीते जी मैं मर जाऊंगा ।

रहकर जग में चलते फिरते,

जिंदा लाश कहलाऊंगा ।।

रह लो शायद तुम मुझ बिन,

पर, मेरा जहां तुम बिन सूना ।

छोड़ तुम्हें अब मैं ना जाऊंगी,

भूल गई क्यों कहा ऐसा अपना ?

एक प्रेम तरु के हम दो डाली,

बिन हवा कैसे तुम के टूट गई ?

तुम्हारे वादों संग चाहा जीना,

फिर तुम मुझसे क्यों रूठ गई ?

कभी तुम सुना देती, कभी मैं,

लड़ रातें सवेरे एक हो जाते ।

जिस रात तुम्हें पास न पाया,

उस रात मेरे नैना नीर बहाते ।।

सात जन्मों का है जो वादा,

हर हाल है उसे निभाना ।

मिलकर खोजेंगे हम युक्ति,

यदि जग बना प्रेम में बाधा।।

अबकी जो तुमसे बिछड़ा,

आहत मन से टूट गया हूं ।

पढ़ रही हो तो वापस आओ,

तुम बिन मैं अधूरा हूं..... ।।

मुझसे रिश्तों पर जो चूक हुई,

उस पर कर रहा कर वंदन ।

जो भूल हुई उसे बिसरा दो,

ताकि बिखरे ना हमारा बंधन ।।

 - अंकुर सिंह

हरदासीपुर, चंदवक

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Jitendra Meena Jitendra Meena Is A Journalist | Editor Of Mission Ki Awaaz | Jitendra Meena was born on 07 August 1999 in village Gurdeh, located near tehsil mandrayal City of Karauli district of Rajasthan.