घूमंतू समुदाय पर जयपुर में जन हक धरने में उठी मांग
#JanHaqDharna DNT नीति को जल्द से जल्द लागू कर घुमंतुओं के उत्थान के काम करे राज्य सरकार - पारस बंजारा*
देशभर में लगातार घूमंतू जनजाति समुदाय में जिनके वजूद को लेकर लगातार पूरे देश में लगातार धरातल पर संघर्ष चल रहा है और अब लगातार जन हक धरने में भी संघर्ष की बात चल रहा है जिसमें लगातार संवैधानिक व मानवतावादी मूल्यो पर काम करने वाले लोग जो बात कर रहे है
DNT नीति को जल्द से जल्द लागू कर घुमंतुओं के उत्थान के काम करे राज्य सरकार - पारस बंजारा
DNT नीति समुदाय की सहभागिता से ड्राफ्ट की गई है - कोरबी
बेघर नीति के बावजूद बेघर लोग दर दर भटकने को मजबूर - पप्पू कुमावत
घुमंतु समुदायों को जमीन, आवास व पहचान के लिए सरकार जमीनी स्तर पर काम करे - ताराचंद वर्मा
घुमंतु पशुपालकों के सरंक्षण के लिए पशुपालक नीति लाई जाए - उम्मेद सिंह रेबारी
मुस्लिम घुमन्तु जाति को भी DNT की सूची में शामिल करें - नूर मोहम्मद कलन्दर
घुमंतुओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिया जाए - ललित राणा
जयपुर: सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान द्वारा जवाबदेही की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर चल रहे धरने में आज घुमंतू और बेघरों के मुद्दों पर विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बातचीत की गई।
धरना स्थल पर आज पानी भर जाने की वजह से आज का कार्यक्रम कुमारानंद हॉल, किला हथरोई में किया गया। आज के कार्यक्रम की शुरुआत शुरुआत उठ जाग मुसाफिर भोर हुई अब वक्त कहां जो सोबत है के साथ हुई जहां पर अभियान से जुड़े साथियों ने जागने काआह्वान किया। संकट खड़ा हो गया है।
राजस्थान सरकार ने इस वर्ष के बजट में राज्य में DNT नीति लाए जाने की घोषणा की थी उसी पर कई संगठन और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। DNT नीति की ड्राफ्टिंग से जुड़ी कोरोबी ने बताया कि DNT नीति का पूरा मसौदा समुदाय के लोगों के साथ बैठकर तैयार की गई है। घुमंतू समुदाय के लिए लंबे समय से संघर्षरत पारस बंजारा ने कहा कि घुमंतू समुदाय सदियों से पीड़ित रहा है और आज भी पीड़ा झेल रहा है। इस समुदाय के बारे में राजस्थान सरकार ने सोचा और DNT नीति लाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस नीति को तुरंत पास करके लागू करे। उन्होंने कहा कि यदि नीति लागू होगी तो इस समाज की पीड़ा थोड़ी कम होगी।
पीयूसीएल एवं भारत ज्ञान विज्ञान समिति से जुड़े भंवरलाल कुमावत पप्पू ने कहा कि राज्य सरकार बेघरों के लिए नीति भी लेकर आ गई लेकिन आज तक बेघर दर -दर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे अधिकारियों और चुने हुए जन प्रतिनिधियों को संवेदनशील होना चाहिए। बेघर जिस तरह का जीवन जी रहे हैं उसे देखकर सरकार में बैठे लोगों को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को बेघर नीति की मूल भावना के अनुसार लागू करना चाहिए और बेघरों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।
घुमंतू समुदाय के साथ काम कर रहे एडवोकेट ताराचंद वर्मा ने कहा कि घुमंतुओं की मुख्य समस्या, आवास, जमीन और पहचान है। इसलिए यदि सरकार को घुमंतू समुदाय को राहत प्रदान करनी है तो इनके लिए इन सभी पर काम करना होगा।
घुमंतू और पशुपालकों के साथ काम कर रहे उम्मेद सिंह रेबारी ने कहा कि घुमंतू भी पशु पालते हैं और उसकी अपनी जीविका चलाते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि पशुपालकों के लिए अलग से पशुपालक नीति लाई जाए जिससे ये अपनी जीविका चला सकें। टोंक शहर से आए लंबे समय तक घुमंतू जीवन जीकर आजीविका चलाने वाले नूर मोहम्मद कलंदर ने कहा कि सरकार ने 32 जातियों को घुमंतू में शामिल किया है लेकिन जो मुसलमान घुमंतू हैं उनको घुमंतू की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसलिए उन्होंने मांग की कि जो भी मुस्लिम जातियां घुमंतू जीवन जी रही हैं उन्हें भी घुमंतू की सूची में शामिल किया जाए। राजस्थान DNT बोर्ड के सदस्य ललित राणा ने कहा कि घुमंतू समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व कभी और किसी भी पार्टी में नहीं मिलता है इसलिए मेरी मांग है कि हमें राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाए।
इन्होंने किया संबोधित
धरने को नवीन नारायण, अशोक, कांता माली, साइना बनो, इंदल सिंह , देवी लाल भूरिया, कामिनी, गीता ढोली आदि ने भी संबोधित किया
धरने से एक समूह राणा बस्ती गया और स्थिति का जायजा लिया
धरने से एक समूह राणा बस्ती , हसनपुरा में गया और बारिश से प्रभावित लोगों का जायजा लिया । बस्ती के लोगो ने बताया कि बारिश से हमारे बुरे हालात है , पीने का पानी नही है, सफाई नही होती है, हमारी जमीन के पट्टे भी नही है। लोगों ने आवास पट्टे दिए जाने की मांग की।
कल युवा और रोजगार पर जवाबदेही को लेकर होगी बात
कल जवाबदेही धरने में युवाओं के विभिन्न मुद्दों जिसमें रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है चाहे वह सरकारी क्षेत्र का हो या निजी क्षेत्र का हो। महात्मा गांधी नरेगा के साथ शहरी रोजगार की गारंटी का कानून भी लाया जाए पर बातचीत होगी।
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से धरने में आज निम्न प्रस्ताव लिए गए जो सर्वसम्मति से पास हुए:
- घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू एवं विमुक्त जाति नीति, 2023 को अतिशीघ्र लागू किया जाए।
- SC ST सब प्लान की तर्ज पर घुमंतू समुदायों के समग्र उत्थान के लिए विशेष DNT सब प्लान के तहत अलग से बजट घोषित किया जाए।
- घुमंतू समुदायों का किसी प्रतिष्ठित संस्थान के माध्यम से एक सामाजिक – आर्थिक अध्ययन कराया जाये जिसमे इनकी सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक पहचान, आर्थिक, संसाधन मेपिंग, आवास, आजीविका, शिक्षा, पारंपरिक कला एवं संस्कृति का विस्तृत अध्ययन किया जाए तथा इस अध्ययन के आधार पर ही नीति की शिफ़ारिशों को लागू किया जाए। इस अध्ययन पायलेट मे सिविल सोसायटी को जोड़ा जा सकता है।
- विशेष अभियान - घुमंतू समुदायों एवं लोक कलाकारों को पहचान के दस्तावेज, निःशुल्क आवासीय भूखंड, निःशुल्क आवासीय भूमि का पट्टा, शमशान के लिए भूमि आवंटन, सरकारी योजनाओं के लाभ जैसे – खाद्य सुरक्षा में जोड़ना, प्रधानमंत्री आवास, नरेगा, पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली जैसी मुलभुत सुविधाओं से जोड़ने के लिए एक ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाये. साथ ही घुमंतू समुदायों की बस्तियों को राजस्व गाँव घोषित किये जाए|
- चरागाह नीति, 2022 को लागू किया जाए।
- इन समुदायों की बस्तियों मे स्कूल, आंगनवाडी, मिनी आंगनवाडी खोली जाए।
- इन समुदायों की बस्तियों को राजस्व गाँव घोषित किए जाए।
- इन समुदायों से जुड़े सांस्कृतिक स्मारकों / विरासतों का सरंक्षण किए जाने के प्रावधान किए जाए।
- इन समुदायों हेतु प्रशाशनिक स्तर पर एक नोडल एजेंसी बनाइ जाये।
- अनुसूचित जाति, जन जाति अत्याचार निवारण कानून की तर्ज पर राजस्थान सरकार कानून बनाए ताकि इनको कानूनी सरंक्षण मिल सके।
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