खेला हूँ मैं सदा आग से, अंगारों के गांव में। Kirodi Lal Meena
सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या ? खेला हूँ मैं सदा आग से, अंगारों के गांव में। मैं पलता फलता आया जहरीली फुफकारों की छाँव में। इतने कांटे चुभे कि तलवे मेरे छलनी हो गये, चलने का है जोश भला, फिर भी मेरे पावों में। बहुत है बढिया कि मुझे मार दे, नही मौत में दम इतना। कब्र-मजारों की औकात है क्या ? सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या ?
Kirodi Lal Meena : किरोड़ीलाल मीणा ने अपने x अकाउंट पर पोस्ट किया है "सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या ? खेला हूँ मैं सदा आग से, अंगारों के गांव में। मैं पलता फलता आया जहरीली फुफकारों की छाँव में। इतने कांटे चुभे कि तलवे मेरे छलनी हो गये, चलने का है जोश भला, फिर भी मेरे पावों में। बहुत है बढिया कि मुझे मार दे, नही मौत में दम इतना। कब्र-मजारों की औकात है क्या ? सूरज मुझसे आंख मिलाते घबराता है, चांद सितारों की औकात है क्या ? "
कल हो गई थी तबियत खराब : कल किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब होने की खबर आई जिसके बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, आज फिलहाल किरोड़ी लाल मीणा की हालत में सुधार है कल ही उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी । आज फिर उन्होंने अपनी अंदाज में अपने जीवन का उल्लेख किया है ।
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